कभी वह गायों को नाम से पुकारते थे तो गायें दौड़ कर आती थी। कभी वह गायों को नाम से पुकारते थे तो गायें दौड़ कर आती थी।
इतना विराट् व्यक्तित्व था हमारे बाऊजी का !उसको शब्दों में कैसे सीमित कर दूँ। इतना विराट् व्यक्तित्व था हमारे बाऊजी का !उसको शब्दों में कैसे सीमित कर दूँ।